“कहानी अभी बाकी है, हर मोड़ पर खुशी नहीं मिलती, ग़म की रात भी आती है, मगर सुबह फिर से होती है, ज़िन्दगी में हर सफर सुहाना नहीं होता, मगर मंजिल तक पहुँचना जरूरी है, क्योंकि ये सफर अभी बाकी है... हां, ये ज़िन्दगी अभी बाकी है।”
अहले चमन का काम तो सिर्फ़ फूल खिलाना है, हमारी ख़ुशियों को तो बस हवाओं ने उड़ाना है। फूल खिले तो सबने तारीफ़ की बाग़बां की, ग़म की कहानी पर किसे अपना ज़माना है।